Reflection on a Wicked World
Purity
Is Obscurity
Tada! I inaugurate my first blog and my first post with a bit of wisdom from Ogden Nash. According to me this poem is very relevant even today. Isn't it? In two brief but poetic lines Nash has summarised the Big Bad World of today!
1 comment:
मित्र ,
पूरी कविता का आनंद लेने के लिए
परावाणी ब्लॉग में जाएँ
मैं वही जबाला, जिसने नहीं विवाह किया
पर,सत्यकाम जाबाल पुत्र को जन्म दिया
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पुरूष के समस्त कर्मों की प्रेरक स्त्री है --
स्त्री है तो पुरूष है --
स्त्री - पुरूष हैं तो समाज और प्रकृति सुरक्षित हैं ।
Blog: परा वाणी
Post: गरिमामय नारी -स्वतन्त्रता का प्रथम घोष ...
Link: http://paraavaani.blogspot.com/
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